लोन सेटेलमेंट और उससे जुड़े प्रभाव
लोन सेटेलमेंट और उससे जुड़े प्रभाव - आज कई महीनों बाद आपके लिए कोई आर्टिकल ला पाया हूँ, लेकिन आपको पता होगा कि, मैंने आपके बेहतर क्रेडिट स्कोर को लेकर कई जानकारी इस प्लेटफॉर्म पर दी हैं. साथ ही समय-समय पर, मैं आपके लिए लोन और फाइनेंस से जुडी ऐसी ही जानकारी लाता रहता हूँ.- इन जानकारियों से न केवल आप अपनी क्रेडिट रेटिंग ठीक रख सकते है बल्कि, अपनी लोन से जुडी सभी समस्याओं को हल कर सकते हैं.आज के इस टॉपिक पर हम लोन सेटेलमेंट और उससे जुड़े प्रभावों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे.
तो अगर आप भी लोन सेटेलमेंट और उससे जुड़े प्रभावों के बारे जानकारी पाना चाहते हैं, तो हमारे साथ आखरी तक बने रहे. आज का आर्टिकल थोड़ा लंबा हो सकता हैं क्योकि आज हम लोन सेटेलमेंट से जुड़े ख़ास पॉइंट्स पे बात करने वाले हैं जो सीधे तौर पर आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव डालते हैं.
लोन डिफाल्टर कब घोषित किया जाता हैं
आर्थिक समस्याए सभी के जीवन में आती हैं, जैसे किसी गंभीर बिमारी का आना, जॉब चली जाना,बिजनेस में नुकसान हो जाना या अन्य कोई और. ऐसी सभी समस्याओं के चलते कई लोग अपने चल रहे लोन का भुगतान करने में चुक जाते हैं. लोन का वर्डन बढ़ने पर उस लोन को पूरी तरह चुका पाने में भी असमर्थ हो जाते हैं.
- इसके परिणाम स्वरुप वह लोन - डिफाल्टर की श्रेणी में आ जाता हैं. बेसिकली लोन डिफाल्टर होना वेसे सिर्फ आपकी खराब वित्तीय स्थिति पर ही निर्भर नहीं करता बल्कि कई बार बैंक और फाइनेंस कंपनी के गलत कमिटमेंट और उनसे विवाद के चलते भी कुछ लोग लोन चुकाना बंद कर देते हैं.
- ऐसे में बैंक या फाइनेंस कंपनी आपको लोन चुका देने के लिए बार बार कहती हैं, लेकिन इसके बावजूद 90 दिन तक लोन न चुकाए जाने की दशा में बैंक या फाइनेंस कंपनी आपके लोन खाते को नॉन-परफोर्मिंग एसेट्स यानी NPA घोषित कर देती हैं.
- लेकिन कहानी यही ख़त्म नहीं होती, बैंक लोन को रीकवर करने की कोशिश इसके बाद भी करती रहती हैं. और इसी कोशिश में बैंक आपको लोन सेटेलमेंट का ऑफर करती हैं. लेकिन आपको लोन सेटेलमेंट करना चाहिये या नहीं ये बात समझ लेना जरुरी हैं. और आप इसे अगले पॉइंट में समझ सकते हैं.
लोन सेटेलमेंट ऑफर क्यों किया जाता हैं
बैंक या फाइनेंस कम्पनियों पर अपने बिगड़े हुए लोन को सुधारने और उन्हें नियमित करने का बहुत सा प्रेशर होता हैं. साथ ही बैंक और फाइनेंस कंपनिया हमेशा चाहती हैं, की कम से कम जो मूलधन लोन के रूप में दिया गया हैं, वो वापिस आ जाए. ऐसे में अगर कोई लोन खाता NPA की कगार पे आ जाता हैं, तो उसे फिर से ठीक करने के लिए या उस खाते को बंद करने के लिए बैंक बहुत से रास्ते अपनाती हैं. उन्ही में से एक हैं “लोन सेटेलमेंट”.
- लोन सेटेलमेंट का मूल उद्धेश्य उस खराब लोन खाते से कुछ ना कुछ रीकवरी का होता हैं.
- इसमें बैंक या फाइनेंस कंपनी बहुत से तरीको से लोन को सेटल्ड करती हैं.
- जैसे ड्यू ब्याज में रियायत, पेनेल्टी और अन्य चार्जेस को माफ़ किया जाना या कभी कभी मूलराशि में से भी कुछ राशि माफ़ कर देना.
- ऐसे में बैंक को एक फायदा ये होता हैं की जिस बिगड़े हुए लोन खाते पे किसी तरह से रिकवरी नहीं होना थी, उसमे कुछ न कुछ राशि आ जाती हैं.
- हालंकि इस सेटेलमेंट को करने के बाद बैंक या फाइनेंस कम्पनी आपके क्रेडिट रिपोर्ट से लोन डिफाल्टर का टेग नहीं हटाती बल्कि इस लोन के सम्बन्ध में क्रेडिट रिपोर्ट में लोन सेटेलमेंट का स्टेट्स रिपोर्ट किया जाता हैं.
लोन सेटेलमेंट का फायदा क्या हैं
बैंक लोन सेटेलमेंट का ऑफर क्यों करती हैं ? इस बात को समझ लेने के बाद आपको ये समझना होगा की आपको लोन सेटेलमेंट का आखिर फायदा क्या मिलता हैं ? तो वेसे तो इसका सिर्फ इतना फायदा हैं, की यदि आप किसी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं, और आपके पास इतना पैसा नहीं हैं, की आप किसी लोन का रीपेमेंट कर सके और ऐसे में आप चाहते हैं की उस लोन को बंद करना ही ठीक हैं, तो आप लोन सेटेलमेंट करा सकते हैं.
- आप आपकी आर्थिक शर्त और बैंक की शर्तो के साथ एक तय राशि देकर अपना लोन सेटेल कर सकते हैं. लोन सेटेलमेंट करने पर बैंक या फाइनेंस कंपनी आपके लोन खाते को टर्मिनेट करके उसका शेष बकाया अमाउंट loss में बताती देती हैं.
- लेकिन इसके फायदों से ज्यादा आपका ध्यान इसके नुकसान पे भी होना जरुरी हैं. तो आएये अगले पॉइंट में इसके नुकसान के बारे में समझते हैं.
लोन सेटेलमेंट के नुकसान
लोन सेटेलमेंट करने के बाद बैंक सिर्फ आपके लोन खाते को टर्मिनेट करके बाकी बचे ड्यू को loss में दिखाने तक की प्रक्रिया तक सिमित नहीं होते, बल्कि वो इस लोन खाते की जानकारी क्रेडिट स्कोर तय करने वाली एजेंसिया, जैसे CIBIL,High Mark,Experian आदि कंपनियों को देती हैं.
- इस जानकारी में बैंक या फाइनेंस कम्पनी आपके लोन खाते को लोन क्लोज्ड होने के बजाये लोन सेटेलमेंट के रूप में दर्शाती हैं.
- और कही कही देखने में ये भी आया हैं, की कई कम्पनिया तो सेटेलमेंट किये जाने के बाद बचे हुए ड्यू लोन अमाउंट को भी, आप ही की क्रेडिट रिपोर्ट में लोस में शो करती हैं.
- ऐसी क्रेडिट रिपोर्ट का असर आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक रूप से पड़ता हैं और आपके क्रेडिट स्कोर में तेजी से कमी आती हैं.
- इतना ही नहीं एक से ज्यादा लोन सेटेलमेंट फ्लेग के कारण आपको भविष्य में लोन मिलने में भी समस्या आ सकती हैं.
- क्रेडिट रिपोर्ट में लोन सेटेलमेंट फ्लेग को ये माना जाता हैं. की आप लोन लेने के बाद उसे पूरा जमा करने में असमर्थ थे. और इस फ्लेग को देखकर शायद कोई और बैंक या फाइनेंस कंपनी आपको अगला लोन देने के लिए तैयार न हो.
- तो सवाल ये उठता हैं की क्या लोन सेटेलमेंट करने के बाद आगे लोन मिलेगा ? तो इसका जवाब आपको अगले पॉइंट में मिल जाएगा.
क्या लोन सेटेलमेंट करने के बाद लोन मिलेगा
वेसे तो यहाँ समझना होगा की अगर सच में वित्तीय परिस्थिति बिगड़ने के बाद यदि आपने लोन सेटेलमेंट किया हैं ? तो इस बात को लोन देने वाली बैंक और फाइनेंस कंपनिया भी समझती हैं. तो पूरी तरह से ये मान लेना की, एक बार लोन सेटेलमेंट करने के बाद भविष्य में कोई लोन नहीं मिलेगा ये गलत भी होगा.
- कई परिस्थितियों में लोन सेटेलमेंट बैंक की गलती की वजहों से भी होता हैं जैसे गलत कमिटमेंट या चार्जेस छुपाना या अन्य कोई कारण.
- यदि इन कारणों के चलते आपने लोन सेटेलमेंट किया हैं तो आपको परेशान होने की जरुरत नहीं हैं.
- आप उन कारणों के प्रमाण दिखाने के बाद अगला लोन ले सकते हैं.
- साथ ही यदि किसी गंभीर आर्थिक समस्याओं के कारण आपने लोन सेटेलमेंट किया हैं तो उन्हें भी स्पष्ट करके बैंक और फाइनेंस कम्पनी से लोन ले सकते हैं.
- लेकिन ध्यान रखे ये तभी संभव हैं यदि आपके क्रेडिट स्कोर में एक लोन अकाउंट ही लोन सेटेलमेंट फ्लेग दर्शा रहा हो और अन्य बाकी लोन रेगुलर चल रहे हो.
- एक से ज्यादा लोन सेटेलमेंट फ्लेग की स्थिति में आपके लिए नया लोन लेना मुश्किल होगा.
लोन सेटेलमेंट न करना हो तो आपको क्या करना चाहिये
जब भी आप कोई लोन ले, तो सबसे पहले आपको ये बात ध्यान रखना होगी की आपको वो लोन पूरी तरह से खत्म करना होगा यानी उसका रीपेमेंट सही तरीके से ओर पूरी तरह से करना होगा.
- लेकिन लोन डिफाल्ट किसी समस्या या बैंक की गलती के कारण हुआ हैं? तो बैंक को उसकी जानकारी देकर स्थिति साफ़ करे.
- इसके अलावा यदि आप आर्थिक परेशानियों के चलते लोन चुकाने में समर्थ नहीं हैं ? तो आप बैंक को अपनी स्थिति से अवगत करा सकते हैं और बैंक को अपने लोन को री-स्ट्रक्चर करने का निवेदन कर सकते हैं. लोन री-स्ट्रक्चर करने से आपको लोन जमा करने में थोड़ी सहूलियत मिल जाएगी और साथ ही आपको पर्याप्त समय भी अपने लोन को चुकाने का मिलेगा.
- फिर भी यदि आपको लोन बंद कराना ही हैं तो उसका सेटेलमेंट बिलकुल न करे. इसके बजाये आप किसी मित्र या रिश्तेदार की मदद लेकर लोन को पूरी तरह से बंद कराये.
- लेकिन अब परेशानी उन लोगो की हैं जिनको लोन सेटेलमेंट के प्रभाव की जानकारी नहीं हैं और उन्होंने पहले से ही अपना लोन सेटेलमेंट कर लिया हैं. तो ऐसे लोगो को क्या करना चाहिये इसका जवाब हम इस आर्टिकल के आखरी पॉइंट में देने जा रहे हैं.
लोन सेटेलमेंट कर दिया हैं तो अब क्या करना चाहिये
यदि जिन लोगो ने लोन सेटेलमेंट पहले ही कर दिया हैं तो अब क्या किया जाए ये सवाल उनके मन में अवश्य होगा. तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की आप उस लोन को अब भी पूरी तरह से बंद यानी लोन क्लोज्ड कर सकते हैं. जी हां यदि अब आपकी वित्तीय स्थिति ठीक हैं, और आपके पास पर्याप्त पैसा इस लोन को बंद करने के लिए हैं? तो आप बैंक या फाइनेंस कंपनी को लोन को पूरी तरह क्लोज्ड करने का कह सकते हैं.
- बैंक या फाइनेंस कम्पनी आपको सेटेलमेंट किये गए लोन की बकाया राशि बताएगा और आप उस राशि को एक मुश्त जमा करके अपना लोन क्लोज्ड करवा सकते हैं.
- ऐसा करने पर बैंक आपको एक लोन क्लोजर सर्टिफिकेट देगा जिसे लोन एनओसी कहा जा सकता हैं. ये एनओसी आपको नया लोन लेने के समय काम आ सकती हैं.
- लोन के पूरी तरह से क्लोज हो जाने पर बैंक या फाइनेंस कम्पनी इस लोन अकाउंट के सम्बन्ध में क्रेडिट एजेंसीयो को फिर से जानकारी भेजेगा जिसमे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में दर्शित लोन सेटेलमेंट फ्लेग को बदलकर लोन क्लोज्ड फ्लेग करने का निर्देश होगा.
- इस प्रक्रिया के बाद 2 से 3 महीनो के भीतर आपके क्रेडिट रिपोर्ट में से लोन सेटेलमेंट फ्लेग बदलकर लोन क्लोज्ड फ्लेग हो जाएगा. हलाकि क्रेडिट स्कोर सुधरने में अभी थोड़ा और वक्त लग सकता हैं.
- लेकिन लोन क्लोज़र की इस प्रक्रिया के कई महीनो बाद भी यदि क्रेडिट रिपोर्ट से लोन सेटेलमेंट नहीं हटा तो आपको क्या करना चाहिये ? आईये इसे समझते हैं.
लोन क्लोज्ड होने के बाद भी क्रेडिट स्कोर अपडेट नहीं हुआ
लोन क्लोज्ड होने के बाद भी क्रेडिट स्कोर अपडेट नहीं हुआ और अभी तक भी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में लोन सेटेलमेंट फ्लेग ही दर्शा रहा हैं तो आपको सिबिल की वेबसाईट पर जाकर अपनी लोन एनओसी के साथ एक सिबिल डिस्प्यूट आवेदन करना होगा.
- इसके बाद सिबिल सम्बंधित लोन के मामले में बैंक से कन्फेर्मेशन मांगेगी एक बार बैंक से लोन क्लोज़र का कन्फेर्मेशन मिलने के बाद सिबिल आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में सुधार करके लोन सेटेलमेंट फ्लेग को बदलकर लोन क्लोज्ड कर देगी.
- लेकिन ये तभी संभव हैं जब बैंक इसका कन्फेर्मेशन दे. यहाँ मेरा आपको सजेशन हैं कि सिबिल डिस्प्यूट आवेदन करने के बाद बैंक पर भी अपने लोन खाते की सही जानकारी सिबिल को उपलब्ध कराने का दबाव आपको बनाना पडेगा.
लोन सेटेलमेंट और उससे जुड़े प्रभाव - तो ये थी जानकारी लोन सेटेलमेंट के बारे में, उम्मीद हैं आपको जानकारी पसंद आयी होगी अगर हाँ, तो लाइक जरुर करे और साथ ही आप भी लोन सेटेलमेंट की वजह से नया लोन लेने में परेशान हो रहे हैं तो इस आर्टिकल के निचे आप कमेंट्स करके अपनी परेशानी बता सकते हैं मैं आपके कमेंट्स का समय रहते बिलकुल जवाब देने की कोशिश करूँगा. इसके अलावा हो सकता हैं आपके किसी मित्र या रिश्तेदार भी ऐसी ही जानकारी पाना चाहते हो उनसे ये जानकारी व्हाट्सएप पर शेयर करके उनकी मदद जरुर करे. जाने से पहले एक बार और रिक्वेस्ट करूंगा की अभी तक भी आपने हमारे ब्लॉग को सबस्क्राइब नहीं किया हैं. तो प्लीज ब्लॉग को सबस्क्राइब करना बिलकुल न भूले.